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|रचनाकार=कंसतन्तीन फ़ोफ़अनफ़
|अनुवादक=अनिल जनविजय
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<poem>
लगता है, हम प्यार करे हैं इक-दूजे को
लेकिन कभी - कभी ही ऐसा करते हैं हम क्यों
कोमल शब्द नहीं कहें कभी भी आपस में हम
किसी बीमारी से बच रहे हों ज्यों, करें क्यों शर्म ?

बदनामी के आदी हैं हम, फिर भी क्यों डरते
इक-दूजे को यातना देना क्यों पसन्द हैं करते ?
एक गाँठ से बँधे हुए हैं, उबल रहे दो दिल हमारे
दुश्मन हो सकते हैं क्या ये दो हारिल प्यारे ?

'''मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय'''

'''लीजिए, अब यही कविता रूसी भाषा में पढ़िए'''
Константин Фофанов
Мы любим, кажется, друг друга

Мы любим, кажется, друг друга,
Но отчего же иногда
От нежных слов, как от недуга,
Бежим, исполнены стыда?

Зачем, привыкшие к злословью,
Друг друга любим мы терзать?
Ужель, кипя одной любовью,
Должны два сердца враждовать?
</poem>
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