Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पुष्पराज यादव |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पुष्पराज यादव
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
शहर-ए-वहशत मेरी तन्हाई मुझे वापस कर
हाँ तुझी से कहा हरजाई मुझे वापस कर

मेरी बुझती हुई आँखों का सबब है तू ही
मुझको छूकर मेरी बीनाई मुझे वापस कर

मेरी पेशानी पर रक्खे हुये बोसे अपने
पोंछ ले जा मेरी दानाई मुझे वापस कर

तेरी नफ़रत तेरे खंज़र हों मुबारक तुझको
मैं मसीहा था मसीहाई मुझे वापस कर

उसने जाते हुये क्या-क्या न कहा पर मुझको
बस यही बात समझ आई 'मुझे वापस कर'

मौज-ए-खूँ सर से गुजरने की घडी आई है
ज़ख़्म कहता है ये पुरवाई मुझे वापस कर
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
17,192
edits