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<poem>
मेरी माँ
कैसे सब कुछ सीख गई
कई बार इतिहास की किताबें
और आज़ादी के नारे और आन्दोलन
तेजी से चलते हुए बता जाते है
कि मेरी माँ ने और सभी की माँ ने
ये सब सीखा नहीं
बल्कि उसे ऐसे ही बना दिया गया
और कर दिया गया उसे उसके हक़ से वंचित
जैसे वंचित है कई आदिवासी और जातियाँ सदियोँ से
</poem>
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