Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वीरेन्द्र वत्स |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=वीरेन्द्र वत्स
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
आँखों की झील से काजल की कोर तक
सावन की शाम से फागुन की भोर तक
बस तेरी याद है, बस तेरा नाम है

गलियों में फूल खिले
खुशबू को पंख लगे
सीने में हूक उठी
सोये अरमान जगे

शबनम की बूँद से लहरों के शोर तक
चाँदी की रेत से अम्बर के छोर तक
बस तेरी याद है, बस तेरा नाम है

जिस दिन से तू मेरे
सपनों में आई है
जीवन के हर पल में
तू ही समाई है

धड़कन के गीत से साँसों की डोर तक
पुरवा की थाप से आँधी के जोर तक
बस तेरी याद है, बस तेरा नाम है
</poem>
Mover, Reupload, Uploader
3,987
edits