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{{KKRachna
|रचनाकार=योसा बुसोन
|अनुवादक=देवेश पथ सरिया
|संग्रह=
}}
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<poem>
'''1'''
मील का पत्थर बदला है
इस घुमक्कड़ी में तैंतीस बार
मन्दिर की ज़मीन पर पाला पड़ा है
'''2'''
पीअनी फूल की पंखुड़ियाँ
हौले से बिखर जाती हैं
दो-तीन के झुण्ड में इकट्ठी हो जाती हैं
'''3'''
वेधती हुई सर्दी
मेरी मृत पत्नी के कंघे पर पड़ती है
हमारे शयनकक्ष में
'''4'''
मनुष्यों की इस दुनिया में
लौकी ने बना ही ली
अपनी एक जगह
'''5'''
भिक्षु ख़ुशी से
खा रहा है
खमीरीकृत बीन मिसो सूप
'''6'''
हालात हैं यूँ
मैं अकेला हूँ
दोस्ती करता हूँ चाँद से
'''7'''
कोई कनटोप पहनकर गुज़रा है
अपने ही अँधेरे में
नहीं देख पाया पूर्ण चन्द्रमा को
'''8'''
शीत ऋतु की हवा
कंकड़ों को उछालती है
मन्दिर की घण्टी पर
'''9'''
सर्दियों का यह तूफान
भागते हुए पानी की आवाज़
चट्टानों को चीरती हुई
'''10'''
पहली बरसात गिरती है
और फिर पिघल जाती है
घास पर ओस बनकर
'''11'''
पहली बर्फ़बारी
टकराती है सबसे निचले डण्ठलों से
बाँसों में अटका है चाँद
12
बर्फ़ के नीचे चटकती है एक डाल
मैं जाग जाता हूँ
योशिनो में चेरी के फूलों के स्वप्न से
'''13'''
शरद ऋतु की शाम
मैं महसूस करता हूँ
पिछले साल से ज़्यादा अकेला
'''14'''
माँ-बाबा
बार-बार करता हूँ उन्हें याद
शरद ऋतु के अन्त में
'''15'''
वसन्ती समुद्र
सारा दिन उभरता है, गिरता है
उभरता है, गिरता है
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सरिया'''
———
'''योसा बुसोन''' (1716-1784) एदो युग के कवि-चित्रकार थे। उनका जन्म ओसाका के क़रीब हुआ। उन्हें अपने युग के सर्वश्रेष्ठ कवियों में गिना जाता है। उन्होंने चीनी-जापानी कविता शैली साथ प्रयोग किए।
———
'''देवेश पथ सारिया''' (जन्म : 11 फ़रवरी 1986) हिन्दी के कवि-गद्यकार एवं अनुवादक हैं।
कविता संकलन : नूह की नाव (2022); कहानी संग्रह : स्टिंकी टोफू (2025); कथेतर गद्य : छोटी आँखों की पुतलियों में (ताइवान डायरी, 2022);
अनुवाद : हक़ीक़त के बीच दरार (2021), यातना शिविर में साथिनें (2023)
पुरस्कार : भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार
(2023)। देवेश की रचनाओं का अनुवाद अँग्रेज़ी, मन्दारिन, रूसी, स्पेनिश, बांग्ला, मराठी, पंजाबी और राजस्थानी भाषा-बोलियों में हो चुका है।
सम्पादन : गोल चक्कर वेब पत्रिका।
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