'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रसूल हमज़ातफ़ |अनुवादक=फ़ैज़ अहम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
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{{KKRachna
|रचनाकार=रसूल हमज़ातफ़
|अनुवादक=फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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<poem>
मेरे आबा केः थे नामहरमे-तौक़ो-ज़ंजीर
वो मज़ामी जो अदा करता है अब मेरे क़लम
नोके-शमशीर पे लिखते थे ब-नोके-शमशीर
रौशनाई से जो मैं करता हूँ काग़ज़ पे रक़म
संगो-सहरा पे वो करते थे लहू से तहरीर
</poem>