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नोट हमारे दाब लिये और वोट नहीं डाला
दिखा नर्मदा-घाट सौप सौंप दी हाथों में माला
डूब गये आँसू आंसू में मेरे छप्पर और छानी
ऊपर से तुम दिखलाते हो चुल्लू भर पानी
झंडा गया भाड़ में मेरा, हाय पड़ा महंगा
बच्चो मे ने चड्डी सिलवा ली, बीवी ने लहंगा
टूट गई रिश्वत की डोरी, डूब गई लुटिया
बिछने से पहले ही मेरी खडी हुई खटिया
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