भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
<table width=40% align=right style="border:1px solid #0099ff"><tr><td align=center><b>पुराने लेख</b></td></tr><tr><td align=center>[[Current events|वर्तमान]] [[नई घटनायें/001|001]] <font color=gray>002 003 004 005 006 007 008 </font></td></tr></table>
==गंगोपाध्याय चुने गए साहित्य अकादमी अध्यक्ष==
नई दिल्ली। बांग्ला के प्रख्यात साहित्यकार सुनील गंगोपाध्याय को साहित्य अकादमी का अध्यक्ष चुन लिया गया, जबकि पंजाबी के साहित्यकार प्रो. सुतिंदर सिंह नूर निर्विरोध उपाध्यक्ष चुने गए। साहित्य अकादमी के नए अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव में गंगोपाध्याय को 45 मत मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी मलयालम भाषा के साहित्यकार एम टी वासुदेवन नायर को 40 मत मिले। एक अन्य प्रत्याशी सत्यदेव शास्त्री को मात्र सात वोट मिले।
जनरल कौंसिल की एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव किया गया। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का कार्यकाल अगले पांच साल के लिए होगा यानि ये दोनों 2012 तक अपने पद पर रहेंगे। सुनील गंगोपाध्याय वर्तमान अध्यक्ष गोपीचंद नारंग का स्थान लेंगे और अभी तक उपाध्यक्ष रहे सुनील गंगोपाध्याय का स्थान एस एस नूर लेंगे।
दरअसल पंजाबी के साहित्यकार एस एस नूर के विरोध में बांग्ला साहित्यकार इंद्रनाथ चौधरी का नाम था, लेकिन अंतिम समय में उनके नाम वापस ले लेने के कारण नूर को निर्विरोध उपाध्यक्ष चुन लिया गया। गौरतलब है कि साहित्य अकादमी के पहले अध्यक्ष पद को पं. जवाहर लाल नेहरू और उपाध्यक्ष पद को डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने सुशोभित किया था।
== राष्ट्रीय कवि संगम-प्रेस विज्ञप्ति ==
नई दिल्ली। बीती 15-16 दिसम्बर 2007 को स्वाधीनता संग़्राम की 150 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक अनूठे कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। नई दिल्ली के छतरपुर, महरौली स्थित अध्यात्म साधना केन्द्र में आयोजित इस कवि सम्मेलन में देश के साढ़े तीन सौ जाने-माने कवियों ने हिस्सा लिया। देश के सभी प्रान्तों से आये इन कवियों ने दो दर्जन से भी ज्यादा भाषाओं और बोलियों में काव्य-पाठ करके लोगों का मन मोह लिया। विशेष रूप से जम्मू कश्मीर, सिक्किम, आसाम, कर्नाटक और आन्ध्र प्रदेश जैसे सीमावर्ती प्रदेशों से आये कवियों को लोगों ने खूब पसन्द किया। इस दो दिवसीय कवि सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय कवि संगम के बैनर तले ‘राष्ट्र जागरण-धर्म हमारा’ शीर्षक के तहत किया गया।