हर एक सूरत भली लगती है कुछ दिन <br>
लहू के शोबदाकारी से बचिये 
 
शोबदा - हातचलाखी , धोखा 
शराफ़त आदमियत दर्द-मन्दी <br>
ज़रूरी क्या हर एक महफ़िल में आना<br> 
तक़ल्लुफ़ की रवादारी से बचिये 
 
रवादारी - उदारता, सह्र्दयता 
बिना पैरों के सर चलते नहीं हैं <br>
बुज़ुर्गों की समझदारी से बचिये