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<poem>
'''लेखन वर्ष: २००४
मेरी रूह को तख़लीक़1 करके
जिनको समेटता हूँ आठों पहर
1. '''शब्दार्थ : तख़लीक़=सृजित 2. ; शग़ाफ़= संध्या, Crack '''रचनाकाल : 2004
</poem>
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