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यूँ तेरी रहगुज़र से दीवानावार गुज़रे / मीना कुमारी
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03:30, 7 जनवरी 2009
यूँ तेरी रहगुज़र से दीवानावर गुज़रे
काँधे पे अपने रख
के अपना मजार गुज़रे
बैठे हैं रास्ते में दिल का नगर सजा कर
तू ने भी हम को देखा हमने भी तुझको देखा
तू दिल ही हार गुज़रा हम जान हार गुज़रे
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द्विजेन्द्र द्विज
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