Changes

यूँ तेरी रहगुज़र से दीवानावर गुज़रे
काँधे पे अपने रख के अपना मजार गुज़रे
बैठे हैं रास्ते में दिल का नगर सजा कर
तू ने भी हम को देखा हमने भी तुझको देखा
तू दिल ही हार गुज़रा हम जान हार गुज़रे.  </poem>