भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
मोह- माया व्यापे नही जेने<br>
द्रिढ़ वैराग्य जेना मन मान मा रे<br>
राम नाम सुन ताळी लागी<br>
सकळ तिरथ तेना तन मान रे<br>
Anonymous user