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Kavita Kosh से
चीनी मठ की तरह है इसकी छत
तिकोनी, स्लेट पत्थरों से निर्मित
शिखर है एक अनुपम
जहाँ से दिखायी दे रही
रेल की समानान्तर पटरियाँ
मन्द-मन्द चलतीं जिन पर
पूरी एक सदी गु$जर गुज़र गयी है
घाटी के आसपास से
कि पता भी नहीं चला
एक सौ तीन सुरंगों की
रोमांचक दूरियाँ
शिवालिक पहाडिय़ों पहाड़ियों कीसौम्य ऊंचाइयाँ ऊँचाइयाँ
वनवीथियों
ग्रामपदों