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हिन्दोस्तानी माँ का पैग़ाम / सीमाब अकबराबादी
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08:56, 18 जनवरी 2009
जिसको अपनी क़ूवते तामीर पर पर हो इख़्तियार.
सफ़शिकन : व्यूह तोड़ने वाले; सरअफ़राज़ : सर ऊँचा रखने वाले;
जुरअत: दिलेरी ;
क़ूवते तामीर :निर्माण बल ; इक़्तदार:अधिकार
</poem>
द्विजेन्द्र द्विज
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