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{{KKRachna|रचनाकार: [[=केदारनाथ सिंह]]|संग्रह=अकाल में सारस / केदारनाथ सिंह }}
[[Category:कविताएँ]]
[[Category:केदारनाथ सिंह]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~ <Poem>मेरी हड्डियांहड्डियाँमेरी देह में छिपी बिजलियां बिजलियाँ हैं 
मेरी देह
 
मेरे रक्त में खिला हुआ कमल
 
क्या आप विश्वास करेंगे
 
यह एक दिन अचानक
 
मुझे पता चला
 
जब मैं तुलसीदास को पढ़ रहा था
  'अकाल में सारस' नामक कविता-संग्रह से</poem>
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