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|रचनाकार=केदारनाथ सिंह |संग्रह=अकाल में सारस / केदारनाथ सिंह
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[[Category:कविताएँ]]
<Poem>
नहीं
हम मण्डी नहीं जाएंगे
खलिहान से उठते हुए
कहते हैं दाने॔
जाएंगे तो फिर लौटकर नहीं <br>हम मण्डी नहीं जाएंगे<br>आएंगेखलिहान से उठते हुए<br>जाते- जातेकहते जाते हैं दाने॔<br><br>दाने