Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रेम नारायण 'पंकिल' |संग्रह= }} [[Category:कविता]] <poem> पूछ...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रेम नारायण 'पंकिल'
|संग्रह=
}}
[[Category:कविता]]
<poem>
पूछा "क्यों उर्मिल उदधि चंद्रकर झूम झूम चूमता सदा ?
निज अंतरालगत सलिल सम्पदा दिनमणि को बांटता मुदा ?
किस विकल वेदना में चकोर चुगता पावक का अंगारा ?
क्यों सोम-सूर्य करते फेरी अपलक निहारता ध्रुव तारा ?
क्यों नीरव नभ से निशा सुन्दरी धर्काती दृग मोती है ?
किस सुख में 'पंकिल' धरा ह्रदय संपुटित संपदा खोती है ?"
रो रही निरुत्तर वही व्यथित बावरिया बरसाने वाली -
क्या प्राण निकलने पर आओगे जीवन वन के वनमाली ॥१९॥

</poem
Anonymous user