Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रेम नारायण 'पंकिल' |संग्रह= }} [[Category:कविता]] <poem> भूल...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रेम नारायण 'पंकिल'
|संग्रह=
}}
[[Category:कविता]]
<poem>

भूलते न क्षण प्रियतम इंगित से तुमने मुझे बुलाया था।
प्राणेश्वरि! मत छोड़ना मुझे यह कहकर बहुत रुलाया था।
सुधि करो प्राण! रस-रंजित निशि में अवगुंठन-पट खींचा था ।
मृदु मदिर अधर पर 'पंकिल'-उर का प्रणय-पयोधि उलीचा था।
पूछा " भाती न उषा, संध्या पर क्यों बलिहारी होती हो ?
नीरव निशीथ में मधु शैय्या पर श्रद्धा-सुमन संजोती हो ?"
क्या कहे विराट प्राण ! बौनी बावरिया बरसाने वाली-
क्या प्राण निकलने पर आओगे जीवन वन के वनमाली ॥ १७॥
</poem>
Anonymous user