भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रेम नारायण 'पंकिल' |संग्रह= }} [[Category:कविता]] <poem> स्म...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रेम नारायण 'पंकिल'
|संग्रह=
}}
[[Category:कविता]]
<poem>
स्मित सिहर कमल कोमल कपोल पर मल प्रसून-परिमल ”पंकिल“।
स्मृति है निकुंज में हम गाते थे प्रिय! अनुराग-राग हिलमिल।
वह रहे अनंग उमंग अमर च्युत हो मधुमास-विलास नहीं।
तव मधु-चितवन पर थिरक उठी क्यों भरते वह उल्लास नहीं।
प्रेषित करती यह प्रणय-पत्रिका करना नाथ निराश नहीं।
बस मिले तुम्हारी चरण-धरा चाहती मुक्त-आकाश नहीं।
हे ग्वालिनियाँ के साँवलिया! बावरिया बरसाने वाली ।
क्या प्राण निकलने पर आओगे जीवन-वन के वनमाली ॥61॥
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रेम नारायण 'पंकिल'
|संग्रह=
}}
[[Category:कविता]]
<poem>
स्मित सिहर कमल कोमल कपोल पर मल प्रसून-परिमल ”पंकिल“।
स्मृति है निकुंज में हम गाते थे प्रिय! अनुराग-राग हिलमिल।
वह रहे अनंग उमंग अमर च्युत हो मधुमास-विलास नहीं।
तव मधु-चितवन पर थिरक उठी क्यों भरते वह उल्लास नहीं।
प्रेषित करती यह प्रणय-पत्रिका करना नाथ निराश नहीं।
बस मिले तुम्हारी चरण-धरा चाहती मुक्त-आकाश नहीं।
हे ग्वालिनियाँ के साँवलिया! बावरिया बरसाने वाली ।
क्या प्राण निकलने पर आओगे जीवन-वन के वनमाली ॥61॥
</poem>
Anonymous user