भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
शहरयार
,* '''[[शाम होने वाली है / शहरयार]]'''
<sort order="asc" class="ul">
* [[कटेगा देखिए दिन जाने किस अज़ाब के साथ / शहरयार]]
* [[ऐसे हिज्र के मौसम अब कब आते हैं / शहरयार]]
* [[ज़िंदगी जैसी तवक्को थी नहीं / शहरयार]]