लिए हैं। तुम मुझे कोस सकते हो लेकिन अपने दुखों को पाने यहाँ आना ही मेरा
होना है और मुझे वहाँ तक पहुँचाना तुम्हारा । तुम्हारे हिस्से आना था दुख सहना
और मेरे हिस्से पूर्व जन्म के दुखॊम दुखों को खोई जागीर की तरह पाना ।"
वह उसे अपनी खिड़की से धीरे-धीरे ओझिल होते देखता है ।"
</poem>