Changes

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गुलाबों की तरह दिल अपना शबनम में भिगोते हैं
मोहब्बत करने वाले खूबसूरत ख़ूबसूरत लोग होते हैं
किसी ने जिस तरह अपने सितारों को सजाया है
सुना है बद्र साहब महफ़िलों की जान होते थे
बहुत दिन से वे वो पत्थर हैं, न हँसते हैं न रोते हैं
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