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दीवाना बनाना है तो, दीवाना बना दे / बहज़ाद लखनवी
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15:43, 15 फ़रवरी 2009
"बहज़ाद" हर एक जाम पे एक सजदा-ए-मस्ती
हर ज़र्रे को संग-ए-दर-ए-जानां न बना दे</poem
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Shrddha
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