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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार =रघुवीर सहाय }} <poem> उसने पहले मेरा हाल पूछा फिर एक...
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{{KKRachna
|रचनाकार =रघुवीर सहाय
}}
<poem>
उसने पहले मेरा हाल पूछा
फिर एकाएक विषय बदलकर कहा आजकल का
समाज देखते हुए मैं चाहता हूँ कि तुम बदलो
फिर कहा कि अभी तक तुम अयोग्य साबित हुए हो
इसलिए बदलो,
फिर कहा पहले तुम अपने को बदलकर दिखाओ
:::::तब मैं तुमसे बात करूंगा।
(1980)
</poem>
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|रचनाकार =रघुवीर सहाय
}}
<poem>
उसने पहले मेरा हाल पूछा
फिर एकाएक विषय बदलकर कहा आजकल का
समाज देखते हुए मैं चाहता हूँ कि तुम बदलो
फिर कहा कि अभी तक तुम अयोग्य साबित हुए हो
इसलिए बदलो,
फिर कहा पहले तुम अपने को बदलकर दिखाओ
:::::तब मैं तुमसे बात करूंगा।
(1980)
</poem>