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फिर भी टपकाए राल ढोलकिया / कुमार मुकुल
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09:22, 20 फ़रवरी 2009
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|रचनाकार=कुमार मुकुल
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आह ढोलकिया वाह ढोलकिया
उूंची
ऊँची
तेरी निगाह ढोलकिया
धारे जन का साज ढोलकिया
गला लेता तू दाल ढोलकिया
आह ढोलकिया ............
</poem>
अनिल जनविजय
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