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|रचनाकार=आलोक श्रीवास्तव-२|संग्रह=वेरा, उन सपनों की कथा कहो! / आलोक श्रीवास्तव-२ }} <poemPoem>
मुझे भी है विश्वास
इन्हीं पथरीली चट्टानों के बीच फूटॆगा सोता