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{{KKRachna
|रचनाकार=आलोक श्रीवास्तव-२
|संग्रह=वेरा, उन सपनों की कथा कहो! / आलोक श्रीवास्तव-२
}}
<poemPoem>
....और तब
याज्ञवल्क्य के वन की ओर बढ़े