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रसखान

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मानुस हौं तो वही {{KKGlobal}}{{KKParichay|चित्र=Raskhaan.jpg|नाम=रसखान|उपनाम=रसखान|जन्म=1548|जन्मस्थान=अमरोहा, बसौं मिलि गोकुल गाँव के ग्वारन।उत्तर प्रदेश, भारत|मृत्यु=1628जो पसु हौं तो कहा बस मेरो|कृतियाँ=[[प्रेमवाटिका / रसखान | प्रेमवाटिका]], चरौं नित नंद की धेनु मँझारन॥[[सुजान-रसखान / रसखान | सुजान-रसखान]]|विविध=मूल नाम सैयद इब्राहिम। भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त। भक्तिकाल की कृष्णाश्रयी शाखा के महत्त्वपूर्ण कवि। वृंदावन में देहावसान।पाहन हौं तो वही गिरि को|अंग्रेज़ीनाम=Raskhan, जो धर्यो कर छत्र पुरंदर कारन।Ras Khan|जीवनी=[[रसखान / परिचय]]जो खग हौं तो बसेरो करौं मिलि कालिंदीकूल कदम्ब की डारन॥|shorturl=raskhan}}{{KKCatBhaktiKaaleenRachnakaar‎}}या लकुटी अरु कामरिया पर, राज तिहूँ पुर को तजि डारौं।{{KKCatBrajBhashaRachnakaar}}{{KKCatUttarPradesh}}आठहुँ सिद्धि, नवों निधि को सुख, नंद की धेनु चराय बिसारौं॥====संग्रह====* '''[[प्रेमवाटिका / रसखान]]''' (दोहा-गुटका)* '''[[सुजान-रसखान कबौं इन आँखिन सों, ब्रज के बन बाग तड़ाग निहारौं।/ रसखान]]'''====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====कोटिक हू कलधौत के धाम, करील के कुंजन ऊपर वारौं॥* [[मानुस हौं तो वही / रसखान]]* [[या लकुटी अरु कामरिया / रसखान]]* [[सेस गनेस महेस दिनेस, सुरेसहु जाहि निरंतर गावै।/ रसखान]]* [[धूरि भरे अति सोहत स्याम जू / रसखान]]जाहि अनादि अनंत अखण्ड, अछेद अभेद सुबेद बतावैं॥* [[कानन दै अँगुरी रहिहौं / रसखान]]* [[मोरपखा मुरली बनमाल / रसखान]]नारद से सुक व्यास रहे, पचिहारे तू पुनि पार न पावैं।* [[कर कानन कुंडल मोरपखा / रसखान]]* [[मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं / रसखान]]ताहि अहीर की छोहरियाँ, छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं॥* [[गावैं गुनी गनिका गन्धर्व / रसखान]]* [[संकर से सुर जाहिं जपैं / रसखान]]* [[प्रान वही जु रहैं रिझि वापर / रसखान]]धुरि भरे अति सोहत स्याम जू, तैसी बनी सिर सुंदर चोटी।* [[रसखान के दोहे / रसखान]]* [[आवत है वन ते मनमोहन / रसखान]]खेलत खात फिरैं अँगना, पग पैंजनी बाजति, पीरी कछोटी॥* [[जा दिनतें निरख्यौ नँद-नंदन / रसखान]]* [[बैन वही उनकौ गुन गाइ / रसखान]]वा छबि * [[सोहत है चँदवा सिर मोर को / रसखान बिलोकत, वारत काम कला निधि कोटी।]] काग * [[कान्ह भये बस बाँसुरी के भाग बड़े सजनी, हरि हाथ सों लै गयो माखन रोटी॥/ रसखान]]* [[नैन लख्यो जब कुंजन तैं / रसखान]]* [[फागुन लाग्यौ सखि जब तें / रसखान]]कानन दै अँगुरी रहिहौं* [[मोहन हो-हो, जबही मुरली धुनि मंद बजैहै। माहिनि तानन सों हो-हो होरी / रसखान]]* [[गोरी बाल थोरी वैस, अटा चड़ि गोधन गैहै लाल पै गैहै॥गुलाल मूठि / रसखान]]* [[खेलत फाग सुहाग भरी / रसखान]]टेरी कहाँ सिगरे ब्रजलोगनि, काल्हि कोई कितनो समझैहै।* [[ब्रह्म मैं ढूँढयो पुराण गानन / रसखान]]* [[जेहि बिनु जाने कछुहि नहिं / रसखान]]माई री वा मुख की मुसकान, सम्हारि न जैहै, * [[आयो हुतो नियरे रसखानि / रसखान]]* [[आवत है बन ते मनमोहन / रसखान]]* [[आगु गई हुति भोर ही हों रसखानि / रसखान]]* [[गाई दहाई जैहै, न जैहै॥या पे कहूँ / रसखान]]* [[एक समै जमुना-जल में सब मज्जन हेत / रसखान]]* [[अधर लगाइ रस प्याइ बाँसुरी बजाई / रसखान]]मोरपखा * [[कीगै कहा जुपै लोग चवाब सदा / रसखान]]* [[आज भटू मुरली बनमाल, लख्यौ हिय मै हियरा उमह्यो री।बट के तट / रसखान]]* [[आई सबै ब्रज गोपालजी ठिठकी / रसखान]]ता दिन तें इन बैरिन कों, कहि कौन न बोलकुबोल सह्यो री॥* [[दानी नए भए माँबन दान सुनै / रसखान]]* [[नो लख गाय सुनी हम नंद के / रसखान]]अब तौ * [[लाडली लाल लर्तृ लखिसै अलि / रसखान सनेह लग्यौ, कौउ एक कह्यो कोउ लाख कह्यो री।]]* [[मोर के चंदन मोर बन्यौ दिन दूलह हे अली / रसखान]]* [[आवत लाल गुलाल लिए मग / रसखान]]* [[इक और सो रंग रह्यो किरीट बसे दुसरी दिसि / रसखान]]* [[यह देखि धतूरे के पात चबात / रसखान]]* [[बेद की औषद खाइ कछु रह्यो, इक रंग रंगीले सो रंग रह्यो री।करै / रसखान]]* [[कंचन मंदिर ऊँचे बनाई के / रसखान]]* [[प्रेम अगम अनुपम अमित / रसखान]]