गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
उलटी हो गई सब तदबीरें, कुछ न दवा ने काम किया / मीर तक़ी 'मीर'
3 bytes added
,
21:38, 26 फ़रवरी 2009
नाहक़ हम मजबूरों पर ये तोहमत है मुख़्तारी की<br>
चाहते हैं सो आप
करे
करें
हैं, हमको अबस बदनाम किया<br><br>
सरज़द हम से बे-अदबी तो वहशत में भी कम ही हुई<br>
Irfan
5
edits