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याँ के सपेद-ओ-स्याह में हमको दख़ल जो है सो इतना है<br>
रात को रो-रो सुबह किया, या दिन को ज्यों-त्यों शाम किया<br><br>
'मीर' के दीन-ओ-मज़हब को अब पूछते क्या हो उन ने तो<br>
क़श्क़ा खींचा, दैर में बैठा, कब का तर्क इस्लाम किया
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