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Kavita Kosh से
ज़हर भी इसमें अगर होगा, दवा हो जाएगा ।
सब उसी के हैं, हवा, ख़ुश्बुखुश्बू, ज़मीनो-आस्माँ,
मैं जहाँ भी जाऊँगा, उसको पता हो जाएगा ।
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