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अकेले ... और ... अछूत / अंशु मालवीय
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15:10, 2 मार्च 2009
{{KKRachna
|रचनाकार=अंशु मालवीय
|संग्रह=दक्खिन टोला / अंशु मालवीय
}}
<poem>
आज अकेले बचे तुम
अकेले ... और ... अछूत.
</poem>
Pratishtha
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