गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
मौजों का अक्स है ख़त-ए-जाम-ए-शराब में / असग़र गोण्डवी
3 bytes added
,
11:07, 8 मार्च 2009
वो ऐन ज़िन्दगी है. जो है इज़्तराब में
दोज़ख़ भी एक जल्वा-ए-फ़िर्दौस
-ए-
हुस्न है
जो इस से बेख़बर हैं, वही हैं अज़ाब में
द्विजेन्द्र द्विज
Mover, Uploader
4,005
edits