गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कलि नाम काम तरु रामको / तुलसीदास
42 bytes added
,
14:31, 13 अप्रैल 2011
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=तुलसीदास
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKAnthologyRam}}
<
peom
poem
>
कलि नाम काम तरु रामको।
दलनिहार दारिद दुकाल दुख, दोष गोर घन घामको॥१॥
भलो लोक परलोक तासु जाके बल ललित-ललामको।
तुलसी जग जानियत नामते सोच न कूच मुकामको॥३॥
</poem>
Pratishtha
KKSahayogi,
प्रशासक
,
प्रबंधक
6,240
edits