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|रचनाकार=आलोक श्रीवास्तव-2२|संग्रह=वेरा, उन सपनों की कथा कहो! / आलोक श्रीवास्तव-२
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आज किसी को प्रेम करने का मन हुआ
बहुत दूर छूट गये रास्तों की याद आयी आज