भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|सारणी=असाध्य वीणा / अज्ञेय
}}
[[चित्र:Veena_instrumentVichitra Veena1.jpg]]
आ गये प्रियंवद ! केशकम्बली ! गुफा-गेह !<br>
उसकी करि-शुंडों सी डालें<br><br>
[[चित्र:Veena_instrumentVichitra Veena1.jpg]]<br><br>
हिम-वर्षा से पूरे वन-यूथों का कर लेती थीं परित्राण,<br>
जन मात्र प्रतीक्षमाण !"<br><br>
[[चित्र:Veena_instrumentVichitra Veena1.jpg]]<br><br>
केश-कम्बली गुफा-गेह ने खोला कम्बल।<br>