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Kavita Kosh से
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१.<br>
खा गया पी गया <br>
दे गया बुत्ता <br>
ऐ सखि साजन? <br>
ना सखि कुत्ता ! <br><br>
२.<br>
भोर भये वह घर उठि जावे <br>
यह अचरज है सबसे न्यारा <br>
ऐ सखि साजन? ना सखि तारा ! <br><br>
४.<br>
पाँव से मिट्टी लगन नहिं देत<br>
पाँव का चूमा लेत निपूता <br>
ऐ सखि साजन? ना सखि जूता ! <br>
५.<br>
मेरे मन की तपन बुझावे <br>
मन का भारी तन का छोटा <br>
ऐ सखि साजन? ना सखि लोटा ! <br><br>
७.<br>
ना जागूँ तो काटे खावे <br>
व्याकुल हुई मैं हक्की बक्की <br>
ऐ सखि साजन? ना सखि मक्खी ! <br><br>
९.<br>
है गुणवंत बहुत चटकीलो<br>
राम भजन बिन कभी न सोता <br>
ऐ सखि साजन? ना सखि तोता ! <br><br>
१०.<br>
सुंदरता बरने कवि कौन <br>
निरखत ही मन भयो अनंद<br>
ऐ सखि साजन? ना सखि चंद!<br><br>
१२.<br>
आँखिन से छिन होत न न्यारा <br>
आठ पहर मेरो मनरंजन<br>
ऐ सखि साजन? ना सखि अंजन ! <br><br>
१३.<br>
वा बिनु नेक न धीरज रहै<br>
हरै छिनक में हिय की पीर<br>
ऐ सखि साजन? ना सखि नीर!<br><br>
१४.<br>
आये ते अँग-अँग सब फूले<br>
सीरी भई लगावत छाती<br>
ऐ सखि साजन? ना सखि पाती!<br><br>
१५.<br>
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