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वर्षा ने आज विदाई ली जाड़े ने कुछ अंगड़ाई ली
आने लग गई धरा पर भी मौसमी हवा छवि प्यारी की
यादों में लौट रही निधियाँ मनमोहन कुंज विहारी की।
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