भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आधी आबादी / ऋषभ देव शर्मा

16 bytes removed, 17:41, 18 अप्रैल 2009
संसद के बाहर खड़ी हैं,
खड़ी रहें?
' गलतफहमी है आपको .
संसद के बाहर खड़ी हैं,
खड़ी रहें!
उन्हें बाहर खड़े रहना ही होगा
कम से कम तब तक
सर्वग्रासी
फार्मूला.
शी.........................
कोई सुन न ले...............
चुप्प ...............!
चुप रहो,
संसद के बाहर खड़ी हैं,
खड़ी रहें!
कुछ ऐसा करो
कि वे चीखे, चिल्लाएं,
सुलह के लिए
हमारे पास आएं.
हमने किसानों का एका तोड़ा,
आरक्षण के ब्राह्म मुहर्त में
इकट्ठा हुईं इन औरतों के बीच!
फिर देखना :
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,340
edits