Changes

छिपकली / ऋषभ देव शर्मा

13 bytes removed, 22:12, 21 अप्रैल 2009
}}
<Poem>
चिपक गई है
 
मेरे दिमाग में
 
एक प्रागैतिहासिक छिपकली
 
निरंतर फड़फड़ा रही है
 
अपने लंबे मैले पंख
 
और प्रदूषित होती जा रही है
 
पीयूष रस से भरी मेरी डल झील
 
गोताखोर तलाशेंगे
 
कुछ दिन बाद
 
इसके तल में
 
आक्सीजनवाही मछलियों के
 
जीवाश्म !
<Poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,118
edits