भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री|संग्रह=
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
आवारा हैं गलियों में मैं और मेरी तन्हाई
जाएँ तो कहाँ जाएँ हर मोड़ पे रुस्वाई
ये प्यार की बाहें हैं या मौत की अँगड़ाई
मैं और मेरी तन्हाई
</poem>