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17:27, 2 मई 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ऋषभ देव शर्मा
|संग्रह=तरकश / ऋषभ देव शर्मा
}}
<Poem>रक्त का उन्माद हैं ये, युद्ध की बातें
मृत्यु का संवाद हैं ये, युद्ध की बातें
एक धरती, एक राजा, लाख जौहर पर
विजय का अपवाद हैं ये, युद्ध की बातें
हथकड़ी बेड़ी पहन लो या मरो बम से
दमन का अनुवाद हैं ये, युद्ध की बातें
पाक बांग्ला चीन बर्लिन, बाड़-दीवारें
खेत घर आबाद हैं ये, युद्ध की बातें
जो बड़े, वे कर रहे, व्यापार शस्त्रों का
भेड़िया आस्वाद हैं ये, युद्ध की बातें
भेद को देते हवा जो, थाम लो कालर !
मुक्ति पर अपराध हैं ये, युद्ध की बातें </Poem>