{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=ख़्वाजा हैदर अली 'आतिश'}}[[Category:ग़ज़ल]]तड़पते हैं न रोते हैं न हम फ़रियाद करते हैं<br>सनम की याद में हर-दम ख़ुदा को याद करते हैं<br>
सनम की याद उन्हीं के इश्क़ में हरहम नाला-दम ख़ुदा को ओ-फ़रियाद करते हैं<br>इलाही देखिये किस दिन हमें वो याद करते हैं <br>
उन्हीं के इश्क़ में हम नाला-ओ-फ़रियाद करते हैं इलाही देखिये किस दिन हमें वो याद करते हैं शब-ए-फ़ुर्क़त में क्या क्या साँप लहराते हैं सीने पर<br>तुम्हारी काकुल-ए-पेचाँ को जब हम याद करते हैं<br>