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|रचनाकार=रामधारी सिंह "दिनकर" }}{{KKPageNavigation|पीछे=रश्मिरथी / प्रथम सर्ग / भाग 7|आगे=रश्मिरथी / द्वितीय सर्ग / भाग 2|संग्रहसारणी= रश्मिरथी / रामधारी सिंह "दिनकर"
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शीतल, विरल एक कानन शोभित अधित्यका के ऊपर,
लौह-दण्ड पर जड़ित पड़ा हो, मानो, अर्ध अंशुमाली।