भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKGlobal}}
{{KKRachna|रचनाकार: [[=नागार्जुन]]}}
[[Category:कवितायें]]
[[Category:नागार्जुन]]<poem>
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~ '''(महाकवि पंत की अति प्रसिद्ध कविता'भारत माता ग्रामवासिनी' की स्मॄति में)
धरती का आँचल है मैला
 
फीका-फीका रस है फैला
 
हमको दुर्लभ दाना-पानी
 
वह तो महलों की विलासिनी
 
भारत पुत्री नगरवासिनी
 
विकट व्यूह, अति कुटिल नीति है
 
उच्चवर्ग से परम प्रीति है
 
घूम रही है वोट माँगती
 
कामराज कटुहास हासिनी
 
भारत पुत्री नगरवासिनी
 
खीझे चाहे जी भर जान्सन
 
विमुख न हों रत्ती भर जान्सन
 
बेबस घुटने टेक रही है
 
घर बाहर लज्जा विनाशिनी
 
भारत पुत्री नगरवासिनी
 '''1967 में विरचित</Poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits