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मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया / साहिर लुधियानवी
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15:53, 9 मई 2009
:::::ग़म और
ख़शी
ख़ुशी
में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
:::::मैं दिल को उस मुक़ाम पर लाता चला गया
द्विजेन्द्र द्विज
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