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Kavita Kosh से
कहता है वह पुकार<br>
आज चीन-जापान लडाईलड़ाई,<br>
कल हिटलर की चढाई,<br>
और परसों श्री गाँघी का उपवास...<br>
वाम-पक्ष पै है या हराम पक्ष पै है,<br>
वह जानता है महावार<br>
तनखा साढे साढ़े तीन कल्दार ।<br>
उस को है जिन्ना, बोस,<br>
हिटलर, पटेल, घोष,<br><br>
सब बन के अक्षर ढल जाती हैं, छप कर के जो निकलीं<br>
लक्ष-लक्ष चक्षुओं से निगली गयीं वे और<br>
कि चौबिस घंटो के बाद पुन: बासी<br>
यह खडखड़-खडखड़-खडखड़<br>दैनिक की "रोटरी" की प्यास बडी बड़ी संगीन...<br>
::वह एक !<br><br>
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