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<poem>आज बाज़ार में पा-ब-जौला चलो
चशमेचश्म-ए-नम जानेजान-ए-शोरीदा काफी नहींतोहमतेतोहमत-ए-इश्क़ पोशीदा काफी नहीं
आज बाज़ार में पा-ब-जौला चलो
दस्त-अफ्शां चलो, मस्तोमस्त-ओ-रक़्सां चलो
खाक-बर-सर चलो, खूं-ब-दामां चलो
राह तकता है सब शहरेशहर-ए-जानां चलो
हाकिमेहाकिम-ए-शहर भी, मजमएमजम-ए-आम भीतीरेतीर-ए-इल्ज़ाम भी, संगेसंग-ए-दुश्नाम भीसुबहेसुबह-ए-नाशाद भी, रोज़ेरोज़-ए-नाकाम भी
इनका दमसाज़ अपने सिवा कौन है
शहरेशहर-ए-जानां मे अब बा-सफा कौन हैदस्तेदस्त-ए-क़ातिल के शायां रहा कौन है
रख्तेरख्त-ए-दिल बांध लो दिलफिगारों चलो
फिर हमीं क़त्ल हो आयें यारों चलो
आज बाज़ार में पा-ब-जौला चलो
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