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[[Category:शायर]]
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* [[आके पत्थर तो मेरे सहन में दो-चार गिरे \ / शकेब जलाली]]* [[जाती है धूप उजले परों को समेट के \ / शकेब जलाली]]* [[मुरझा के काली झील में गिरते हुए भी देख \ / शकेब जलाली]]
* [[फिर सुन रहा हूँ गुज़रे ज़माने की चाप को / शकेब जलाली]]
* [[पास रह के भी बोहत दूर हैं दोस्त / शकेब जलाली]]