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[[Category:ग़ज़ल]]
दर्द से मेरे है तुझ को बे-क़रारी हाए हाएहाय हाय<br>क्या हुई ज़ालिम तिरी ग़फलत-शि`आरी हाए हाएहाय हाय<br><br>
तेरे दिल में गर न था आशोब-ए-ग़म का हौसला<br>
तू ने फिर क्यूं की थी मेरी ग़म-गुसारी हाए हाएहाय हाय<br><br>
क्यूं मिरी ग़म-ख़्वारगी का तुझ को आया था ख़याल<br>
दुश्मनी अपनी थी मेरी दोस्त-दारी हाए हाएहाय हाय<br><br>
उम्र भर का तू ने पैमान-ए-वफ़ा बांधा तो क्या<br>
उम्र को भी तो नहीं है पाइदारी हाए हाएहाय हाय<br><br>
ज़हर लगती है मुझे आब-ओ-हवा-ए-ज़िन्दगी<br>
यानी तुझ से थी उसे ना-साज़गारी हाए हाएहाय हाय<br><br>
गुल-फ़िशानीहा-ए-नाज़-ए-जलवा को क्या हो गया<br>
ख़ाक पर होती है तेरी लालह-कारी हाए हाएहाय हाय<br><br>
शर्म-ए-रुसवाई से जा छुपना नक़ाब-ए-ख़ाक में<br>
ख़तम है उल्फ़त की तुझ पर पर्दह-दारी हाए हाएहाय हाय<br><br>
ख़ाक में नामूस-ए-पैमाना-ए-मुहब्बत मिल गई<br>
उठ गई दुनिया से राह-ओ-रस्म-ए-यारी हाए हाएहाय हाय<br><br>
हाथ ही तेग़-आज़्मा का काम से जाता रहा<br>
दिल पह इक लगने न पाया ज़ख़्म-ए-कारी हाए हाएहाय हाय<br><br>
किस तरह काटे कोई शबहा-ए-तार-ए-बर्श-काल<br>
है नज़र ख़ू-कर्दह-ए-अख़्तर-शुमारी हाए हाएहाय हाय<br><br>
गोश महजूर-ए-पयाम-ओ-चश्म महरूम-ए-जमाल<br>
एक दिल तिस पर यह ना-उम्मीदवारी हाए हाएहाय हाय<br><br>
इश्क़ ने पकड़ा न था ग़ालिब अभी वहशत का रंग <br>
रह गया था दिल में जो कुछ ज़ौक़-ए-ख़्वारी हाए हाएहाय हाय
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